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प्लेटिनम धातु के बारे में

प्लैटिनम: एक अनमोल धातु

प्लैटिनम एक ऐसी धातु है, जिसका नाम सुनते ही मन में एक चमचमाती, मूल्यवान और बेहद आकर्षक धातु की छवि उभरती है। यह धातु न केवल अपनी सुंदरता के लिए मशहूर है, बल्कि इसके अनेक उपयोग और अद्वितीय गुण भी इसे अत्यंत महत्वपूर्ण बनाते हैं।


प्लैटिनम का परिचय

प्लैटिनम एक दुर्लभ और बहुमूल्य धातु है, जिसका रासायनिक प्रतीक 'Pt' और परमाणु क्रमांक 78 है। यह धातु सफेद-चाँदी के रंग की होती है और इसका उपयोग मुख्यतः आभूषण, उद्योग और चिकित्सा में होता है। प्लैटिनम शब्द की उत्पत्ति स्पेनिश शब्द 'प्लातिना' से हुई है, जिसका अर्थ है 'चाँदी की तरह'।

प्लैटिनम के गुण

  1. धार्मिक और रासायनिक गुण: प्लैटिनम एक अक्रिय धातु है, जो साधारण तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में ऑक्सीकरण नहीं करती। यह अत्यधिक उच्च तापमान को सहन कर सकती है और इसलिए इसे अत्यधिक तापमान वाले उपकरणों में उपयोग किया जाता है।

  2. मुलायम और गढ़नीय: प्लैटिनम बहुत ही मुलायम और लचीली धातु है, जिसे आसानी से मोड़ा और खींचा जा सकता है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के आभूषण और वैज्ञानिक उपकरण बनाने में किया जाता है।

  3. उच्च तन्यता शक्ति: प्लैटिनम की तन्यता शक्ति बहुत अधिक होती है, जो इसे औद्योगिक उपयोग के लिए आदर्श बनाती है|

प्लैटिनम के उपयोग

  1. आभूषण निर्माण में: प्लैटिनम को अपनी खूबसूरती और दुर्लभता के कारण आभूषण बनाने में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसके आभूषणों की चमक और दीर्घायु उन्हें बेहद आकर्षक और मूल्यवान बनाते हैं।

  2. औद्योगिक उपयोग: प्लैटिनम का उपयोग विभिन्न उद्योगों में, जैसे रसायन, पेट्रोलियम, और इलेक्ट्रॉनिक्स में, व्यापक रूप से होता है। यह उत्प्रेरक (कैटलिस्ट) के रूप में भी उपयोग की जाती है, विशेषकर ऑटोमोबाइल उत्सर्जन नियंत्रित करने में।

  3. चिकित्सा क्षेत्र में: प्लैटिनम का उपयोग चिकित्सा उपकरणों, दंत चिकित्सा सामग्री और कैंसर उपचार में होता है। इसका उपयोग कीमोथेरपी में भी किया जाता है, विशेषकर दवाओं के रूप में जो कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में सहायक होती हैं।

प्लैटिनम की खोज और इतिहास

प्लैटिनम की खोज प्राचीन काल में हुई थी, लेकिन इसे व्यापक पहचान 18वीं सदी में मिली। दक्षिण अमेरिका के इंका लोग इसे पहले से जानते थे और इसे 'प्लैटिना' कहते थे। 1735 में, स्पेनिश वैज्ञानिक एंटोनियो दे उल्लोआ ने इसकी विस्तृत पहचान की और इसे यूरोप में प्रस्तुत किया।

प्लैटिनम की खनन प्रक्रिया

प्लैटिनम का खनन मुख्यतः दक्षिण अफ्रीका, रूस, और उत्तरी अमेरिका में होता है। इसकी खनन प्रक्रिया जटिल और महंगी होती है, जिससे यह और भी मूल्यवान हो जाती है। खनन के बाद, प्लैटिनम को परिष्कृत किया जाता है और इसे विभिन्न रूपों में ढाला जाता है।


निष्कर्ष

प्लैटिनम एक अद्वितीय और बहुमूल्य धातु है, जिसकी मांग सदैव बनी रहेगी। इसकी दुर्लभता, खूबसूरती और बहुआयामी उपयोग इसे मानव सभ्यता के लिए अनमोल बनाते हैं। चाहे वह आभूषण हो, औद्योगिक उपकरण हो या चिकित्सा क्षेत्र, प्लैटिनम का महत्व हर जगह स्पष्ट है। इसलिए, यह कहना उचित होगा कि प्लैटिनम न केवल एक धातु है, बल्कि विज्ञान, कला और उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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